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गौतम बुद्ध नगर:-29 मई के ऐतिहासिक आंदोलन की तैयारी जोरों पर: किसान सभा का जनसंपर्क अभियान तेज

29 मई के ऐतिहासिक आंदोलन की तैयारी जोरों पर: किसान सभा का जनसंपर्क अभियान तेज
किसान सभा, गौतम बुद्ध नगर द्वारा आगामी 29 मई 2025 के जनआंदोलन की तैयारी के लिए गांव-गांव में जनसंपर्क अभियान पूरे जोश से चलाया जा रहा है। प्रचार अभियान ईटेडा, पतवारी, रोजा में चलाया गया। आंदोलन की प्रमुख मांगें हैं: 10% प्लॉट, आबादियों का निस्तारण, फर्जी मुकदमों की वापसी, तथा सर्किल रेट/ मुआवजा में बढ़ोतरी।
जनवरी 2024 में किसान सभा के आंदोलन के दबाव में प्राधिकरण ने 10% प्लॉट संबंधी प्रस्ताव बोर्ड से पास कर शासन को भेजा। फरवरी 2024 में हुए आंदोलन के दबाव में शासन ने हाई पावर कमेटी गठित की, लेकिन कमेटी की रिपोर्ट दबा दी गई। किसान सभा, किसान परिषद और किसान एकता संघ के नेतृत्व में ऐतिहासिक आंदोलन के बाद जब रिपोर्ट उजागर हुई तो पता चला कि कमेटी ने 10% प्लॉट और नए कानून पर कोई सिफारिश नहीं की थी।
परिणाम स्वरूप किसान संघर्ष मोर्चा नवंबर दिसंबर 2024 में दिल्ली कूच के माध्यम से आंदोलन में गया। नवंबर-दिसंबर 2024 के आंदोलन को दबाने के लिए सरकार ने किसानों पर फर्जी मुकदमे दर्ज किए और पुलिस ने गांवों में जाकर भय का माहौल बनाने की कोशिश की। किसान पीछे नहीं हटे और सैकड़ों कार्यकर्ता जेलों में भी डटे रहे।
6 जनवरी 2025 को मुख्यमंत्री से हुई वार्ता में सामने आया कि अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को 10% प्लॉट के विषय में ग़लत सूचना दी है।


किसान सभा के जिला अध्यक्ष डॉ. रूपेश वर्मा ने कहा:
“पूरे जिले के किसी भी जनप्रतिनिधि में इतना साहस नहीं है कि वह किसानों के हक़ की बात मुख्यमंत्री के सामने रख सके। वे अपने निजी स्वार्थों में लगे हैं जबकि सरकार किसानों का हक छीन रही है।”
किसान सभा के संयोजक वीर सिंह नागर नगर ने कहा:
“10% प्लॉट की मांग पूरी तरह न्यायोचित है। हाईकोर्ट के आदेशानुसार कई हजार किसानों को प्लॉट मिल चुके हैं, शेष वंचित किसानों को भी प्लॉट मिलना चाहिए।”
किसान सभा के उपाध्यक्ष गबरी मुखिया ने कहा:
“आबादियों का निस्तारण वर्षों से अटका पड़ा है। हाई पावर कमेटी सिफारिश के बावजूद और सिफारिशों को लागू करने के लिए और प्रमुख सचिव (औद्योगिक) की कमेटी होने के बावजूद कोई कार्यवाही नहीं हुई। सर्किल रेट रिवीजन भी आज तक लंबित है। अधिकारी समाधान की बजाय सिर्फ लाभ में लगे हैं।”
किसान एकता संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष सोरन प्रधान ने कहा:
“किसानों पर दर्ज फर्जी मुकदमे लोकतांत्रिक आंदोलन को कुचलने की साज़िश हैं। 29 मई के आंदोलन में यह मुद्दा प्रमुखता से उठाया जाएगा।”
किसान सभा, किसान परिषद, और किसान एकता संघ अपने-अपने क्षेत्रों में आंदोलन की तैयारियों में लगे हुए हैं। यह आंदोलन निर्णायक और ऐतिहासिक होगा। किसान परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुखबीर खलीफा ने कहा कि हाई पावर कमेटी ने नोएडा क्षेत्र में आबादियों के निस्तारण के संबंध में मानक ₹450 वर्ग मीटर से बढ़कर 1000 वर्ग मीटर किया है परंतु अभी तक इस मानक को नोएडा में लागू नहीं किया गया है जिससे किसानों में रोष बढ़ रहा है।

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