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सहारनपुर में घंटाघर, रेलवे रोड पर वेश्यावृत्ति का गोरखधंधा: अवैध होटलों में खुलेआम चल रहा खेल, पुलिस प्रशासन की चुप्पी से बढ़ा सवाल…

#सहारनपुर में घंटाघर, रेलवे रोड पर वेश्यावृत्ति का गोरखधंधा: अवैध होटलों में खुलेआम चल रहा खेल, पुलिस प्रशासन की चुप्पी से बढ़ा सवाल…??#

ब्यूरो चीफ राजश्री जिला सहारनपुर उत्तर प्रदेश


सहारनपुर, उत्तर प्रदेश: सहारनपुर के रेलवे रोड स्थित घंटाघर क्षेत्र, जो कभी शहर की हलचल और व्यापारिक गतिविधियों के लिए जाना जाता था, अब एक काले धंधे का गढ़ बन चुका है। यहाँ वेश्यावृत्ति का गैरकानूनी कारोबार जोर-शोर से चल रहा है, जिसमें न केवल बालिग बल्कि नाबालिग लड़कियों को भी इस दलदल में धकेलने की बात सामने आ रही है। नाज़ुल की ज़मीनों पर बिना मानचित्र स्वीकृति के बने होटलों में यह धंधा खुलेआम फल-फूल रहा है, और होटल संचालक बिना किसी डर के घंटों के हिसाब से मोटी रकम वसूल रहे हैं।

स्थानीय सूत्रों के अनुसार, इस गैरकानूनी कारोबार में एक खास समुदाय की महिलाओं को विशेष रूप से निशाना बनाया जा रहा है। उन्हें जबरन या लालच देकर इस धंधे में उतारा जा रहा है। सबसे चिंताजनक बात यह है कि नाबालिग लड़कियों को भी इस काले कारोबार में शामिल किया जा रहा है, जो सामाजिक और नैतिक मूल्यों के साथ-साथ कानून का भी खुला उल्लंघन है।

रेलवे रोड और घंटाघर के आसपास बने कई होटल बिना किसी वैध अनुमति के संचालित हो रहे हैं। ये होटल नाज़ुल की ज़मीनों पर अवैध रूप से बनाए गए हैं, और इनका उपयोग केवल वेश्यावृत्ति जैसे गैरकानूनी कार्यों के लिए किया जा रहा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि ये होटल रात के समय विशेष रूप से सक्रिय हो जाते हैं, और यहाँ आने-जाने वालों की गतिविधियाँ संदिग्ध होती हैं। होटल से घंटों के हिसाब से कमरे उपलब्ध कराते हैं, और इसके लिए भारी-भरकम रकम वसूलते हैं।

पुलिस और प्रशासन की निष्क्रियता
इस पूरे मामले में सबसे बड़ा सवाल पुलिस और स्थानीय प्रशासन की भूमिका पर उठ रहा है। आरोप है कि प्रशासन को इस गैरकानूनी कारोबार की पूरी जानकारी होने के बावजूद कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जा रही है। स्थानीय निवासियों का कहना है कि पुलिस की मिलीभगत के बिना इस तरह का धंधा इतने बड़े पैमाने पर नहीं चल सकता। कुछ लोगों ने यह भी दावा किया कि होटल संचालकों और कुछ पुलिसकर्मियों के बीच सांठगांठ है, जिसके चलते यह धंधा बेरोकटोक चल रहा है।

सामाजिक और नैतिक संकट
वेश्यावृत्ति का यह गोरखधंधा न केवल कानूनी उल्लंघन है, बल्कि यह समाज के लिए भी एक गंभीर खतरा है। नाबालिगों को इस धंधे में शामिल करना और एक खास समुदाय की महिलाओं को निशाना बनाना सामाजिक समरसता को भी नुकसान पहुँचा रहा है। स्थानीय लोग इस बात से आक्रोशित हैं कि प्रशासन की निष्क्रियता के कारण यह धंधा दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है, और शहर की छवि को धूमिल कर रहा है।

स्थानीय निवासियों और सामाजिक संगठनों ने इस मामले में तत्काल कार्रवाई की माँग की है। उनका कहना है कि नाज़ुल की ज़मीनों पर बने अवैध होटलों को तुरंत सील किया जाए और होटल संचालकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो। साथ ही, इस धंधे में शामिल लोगों की पहचान कर उनके खिलाफ मानव तस्करी और वेश्यावृत्ति से संबंधित कानूनों के तहत मामला दर्ज किया जाए। लोगों ने यह भी माँग की है कि नाबालिग लड़कियों को इस दलदल से निकालकर उनके पुनर्वास की व्यवस्था की जाए।

सहारनपुर जैसे ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व वाले शहर में इस तरह के गैरकानूनी धंधों का खुलेआम चलना न केवल प्रशासन की विफलता को दर्शाता है, बल्कि यह समाज के लिए भी एक गंभीर चुनौती है। यदि समय रहते इस पर रोक नहीं लगाई गई, तो यह समस्या और विकराल रूप ले सकती है। प्रशासन को चाहिए कि वह तत्काल इस मामले की जाँच करे और दोषियों को सजा दिलाए, ताकि शहर की गरिमा और कानून का सम्मान बना रहे।

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